मेरी नन्ही सी बिटिया
क्यूँ करती हो चिंता तुम
पापा के खाना न खाने की
देखो, बाकि घर वालो को देखो
वे कैसे खड़े है कविता के खिलाफ
गुडिया से खेलने की उम्र में
कविता लिखकर
क्यूँ बढ़ाती हो मेरे मन का संताप
पापा को परेशान मत करो
पापा को आराम करने दो
पापा आपके लिए पानी लाऊं
पापा लो, तकिया ले लो
भइया पापा से पैसे मत मांगना
उनको इस महीने ही देनी है फीस स्कूल की
पापा आप उदास क्यूँ हो
में बीमार हूँ इसलिए
नहीं पापा नहीं ऐसे उदास मत हो
मैं हूँ न
तुम क्या हो मेरी बच्ची
मेरी दादी या मेरी बिटिया
आज मैं जी भर के रोया हु बिटिया
सहन नहीं होता इतना प्यार मुझसे
बस करो बिटिया बस करो
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2 टिप्पणियां:
nice
बहुत भावपूर्ण.
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